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लार की ग्रंथि के कैंसर के लक्षण, कारण और उपचार

दोस्तों हम सभी जानते हैं कि हमारे मुंह के अंदर दिन के 24 घंटे लार बनती रहती है। हमारे मुंह के अंदर लार की ग्रंथियां होती है जिसकी मदद से ही मुंह के अंदर लार का स्राव होता रहता है। मुंह के अंदर लार का बनना मुंह के अंदर चिकनाहट पैदा करता है और साथ ही साथ यह लार हमें भोजन निगलने में की मदद करती है। इतना ही नहीं यह हमें हमारे दांतो पर लगने वाले बैक्टीरिया से भी बचाती है। सामान्य रूप से हर मनुष्य के मुंह के अंदर दो लाल की ग्रंथियां होती है। जिनमें से एक मेजर ग्लैंड होती है और दूसरी माइनर ग्लैंड होती है। यह जो मेजर ग्लैंड होती है वह आमतौर पर हमें बिक जाती है लेकिन जो माइनर ग्लैंड होती है वह इतनी आसानी से नहीं देखी जा सकती। उसे देखने के लिए माइक्रोस्कोप का इस्तेमाल करना पड़ता है। यही माइनर ग्लैंड के अंदर ट्यूमर यानी कैंसर उत्पन्न होता है।

हमारे मुंह के अंदर की जो लड़की ग्रंथि होती है यह कई सारी कोशिकाओं से मिलकर बनती है। जब यह कोशिकाएं और सामान्य रूप से वृद्धि करने लगती है तब यह कैंसर का रूप धारण कर लेती है। लार की ग्रंथि वाली कोशिकाओं की और सामान्य वृद्धि ही आगे चलकर ट्यूमर बन जाती है।

लार ग्रंथि कैंसर के लक्षण

इस कैंसर के लक्षण शुरुआती दौर में बिल्कुल भी नहीं दिखाई देते हैं। क्योंकि सामान्य तौर पर जब यह कैंसर अपने शुरुआती दौर में होता है तब इसके लक्षण बहुत ही सामान्य होते हैं। इसलिए इस कैंसर के लक्षणों पर शुरुआत से ही बहुत ही बारीकी से ध्यान देना चाहिए। लार की ग्रंथि के कैंसर के सूक्ष्म लक्षण भी दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाकर चेकअप करवा लेना चाहिए। यदि इस ग्रंथि के कैंसर के लक्षणों को चिन्हित किया जाए तो अगर आपके गर्दन या गले और मुँह में गाँठ महसूस हो रही है या फिर मुँह के आसपास सूजन पैदा हो रही है या फिर मुँह की मांसपेशियों में दर्द पैदा होना और ऐंठन महसूस हो रही है या फिर भोजन को निगलने में परेशानी हो रही है या फिर मुँह खोलने में परेशानी हो रही है तो आपको तुरंत जाकर डॉक्टर के पास अपना चेकअप करवा लेना चाहिए। क्योंकि जैसा कि हमने बताया इस कैंसर की बीमारी की पुष्टि तब ही होती है जब यह बहुत ही गंभीर स्थिति में पहुंच जाता है। ऐसे में इन लक्षणों को जरा भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

लार ग्रंथि कैंसर का उपचार

लार की ग्रंथि के कैंसर के उपचार में कैंसर की स्थिति और स्टेज पर डिपेंड करता है। अगर आप शुरुआती दौर में ही लार की ग्रंथि के कैंसर का चेकअप करवा लेते हैं और आप के कैंसर की पुष्टि हो जाती है तो आप के इलाज का तरीका कुछ दूसरा हो सकता है लेकिन अगर आप इस कैंसर की गंभीर स्थिति में पहुंच गए हैं तो इसके उपचार कुछ अलग हो सकते हैं। तो आइए जानते हैं लार ग्रंथि के कैंसर का उपचार करने के कौन-कौन से तरीके हैं।

अगर आप लार ग्रंथि कैंसर की गंभीर स्थिति में पहुंच जाते हैं तो सर्वप्रथम डॉक्टर आपको सर्जरी करने की ही सलाह देंगे। सर्जरी के माध्यम से ट्यूमर को आपके मुंह से अलग कर दिया जाता है। यदि ऐसा नहीं किया गया तो ट्यूमर ग्रसित कोशिकाएं मुंह के और भी हिस्से को प्रभावित कर सकती है। अगर यह कैंसर और भी ज्यादा गंभीर स्थिति में पहुंच जाता है तो ऐसी स्थिति में सर्जरी के माध्यम से आपके लिंफ नोड को भी हटा दिया जाता है।

सर्जरी के अलावा लाल की ग्रंथि के कैंसर का उपचार रेडिएशन थेरेपी के माध्यम से भी किया जाता है। यह एक बहुत ही आधुनिक प्रकार की थेरेपी है जिसमें रेडिएशन भीम के माध्यम से ट्यूमर ग्रसित कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है। ताकि कैंसर ग्रसित कोशिकाएं मुंह के अंदर और अधिक हिस्से को प्रभावित ना करें।

रेडिएशन थेरेपी के अलावा कीमोथेरेपी भी लाल की ग्रंथि के कैंसर से निपटने के लिए काफी कारगर उपचार है। कीमोथेरेपी के माध्यम से कई सारी दवाओं का इस्तेमाल करते हुए कैंसर ग्रसित कोशिकाओं को नष्ट करने का काम किया जाता है। हालांकि कीमोथेरेपी का उपचार डॉक्टर की सलाह पर ही किया जाता है।

रोहतक में वी केयर हॉस्पिटल एक ऐसा संस्थान है जहां पर हेड एंड नेक कैंसर के लिए अति विशेषज्ञ डॉक्टर्स की टीम है। इस टीम का नेतृत्व डॉक्टर भूषण कथूरिया कर रहे हैं। डॉक्टर भूषण कथूरिया ने अमेरिका से हेड एंड नेक कैंसर के बारे में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया है। इस हॉस्पिटल की विशेषता है कि यहां पर हेड एंड नेक कैंसर के रोगियों को विश्वस्तरीय इलाज प्रदान किया जाता है और साथ ही कम खर्च में रोगियों का इलाज किया जाता है।

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