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ईयर ड्रम परफोरेशन क्या होता है? इसके प्रकार, लक्षण, इलाज एवं पहचान कैसे होती है?

ईयर ड्रम वो नाजुक सी लेयर है जो आपके बाहरी कान को आपके बीच के कान से अलग रखती है। जैसे कि ढोल बजता है जब उसे पीटा जाता है, ठीक वैसे ही ये वाइब्रेट होती है जब आवाज़ की लहरें इसे छूती हैं, और इस वाइब्रेशन को आपके कान के अंदरीय छोटे हड्डियों तक पहुंचा देती है। 

इसी वजह से आप अपनी आसपास की आवाज़ें सुन सकते हैं। ये लेयर सिर्फ पेपर की तुकड़ी के आधे के बराबर है, इसलिए इसे बचाए रखना बहुत जरूरी है।

ईयर ड्रम परफोरेशन क्या होता है?

ईयर ड्रम परफोरेशन (Eardrum Perforation) होना मतलब है कि कान की परत में एक छोटा सा छेद हो गया है। जब आपके कान की परत में यह छेद होता है, तो आवाज़ सही तरीके से बीच कान की हड्डियों तक पहुंचती नहीं है, जिससे आपकी सुनने की क्षमता प्रभावित हो जाती है। 

छेद की वजह से कभी-कभी पानी भी बह सकता है। बैक्टीरिया इसमें पहुंचकर संक्रमण का कारण बन सकते हैं। छोटे होल कभी-कभी खुद भी भर जाते हैं, पर बड़े होलों को ठीक करने के लिए अक्सर ऑपरेशन की जरूरत होती है।

ईयर ड्रम परफोरेशन के कारण

इंफेक्शन (Infection): जब कान में गंभीर इंफेक्शन होता है, तो कान के पर्दे के पीछे तरल पदार्थ भर जाता है. इसे आप इस तरह सोच सकते हैं कि कोई अंदर से कान के पर्दे को धक्का दे रहा है. ये दबाव इतना ज़ोरदार हो सकता है कि कान का पर्दा फट जाए, जिससे अचानक दर्द और सुनाई कम होना हो सकता है.

दबाव (Pressure): क्या आपने महसूस किया है कि आपके कान उड़ते समय या स्कूबा डाइविंग करते समय आपके कान फटते हैं? यह इसलिए होता है क्योंकि बाहर की हवा का दबाव हमेशा आपके कान के अंदर के दबाव से मेल नहीं खाता है। यह असंतुलन कान की परत को बहुत ज्यादा खींच सकता है और उसे डैमेज सकता है।

शोर (Loud Noise): ऊची म्यूज़िक मजेदार हो सकती है, पर ज्यादा आवाज में सुनना आपके कानों को नुक़सान पहुंचा सकता है। जब आवाज जोरदार होती है, तो यह कमजोर कान को नुकसान पहुंचा सकती है। खासकर हेडफोन का इस्तेमाल करते समय, वॉल्यूम का ध्यान रखकर इस से बचें।

खुद से कान साफ़ करना (Self-ear cleaning): ध्यान रखें, कान अपने आप साफ हो जाते हैं! कॉटन स्वॉब्स और अन्य चीजें बड़ी होती हैं और इनसे छेद बन सकता है। अपनी हल्की उंगलियों से साफी करना बेहतर है।

चोट(Injury) : कभी-कभी अनजाने हादसों के कारण कान पर लगी एक जोरदार मार से कान की परत टूट सकती है। इसका असर ड्रम पर जोर से मारने के समान होता है।

ईयर ड्रम परफोरेशन के लक्षण

सबसे सामान्य संकेत है कि आप एक ही कान से अचानक सुनने में कमी महसूस करेंगे या पूरी तरह से बंद हो जाएगा। इसका कारण है कि फटने से आवाज़ सही से बीच के और भीतरी कान तक नहीं पहुंच पाती।

जब कान का पर्दा फटता है, तो कान में अजीब सी गीलापन भी हो सकती है क्योंकि फटने वाली जगह से तरल पदार्थ बह सकता है।

कान का पर्दा फटने पर हल्के से लेकर तेज दर्द हो सकता है। पहले दिनों में, दर्द तेज और चुभता हो सकता है, जो बाद में कम हो सकता है। फटने से बैक्टीरिया और वायरस कान में पहुंच सकते हैं, जिससे इंफेक्शन हो सकता है।

ईयर ड्रम परफोरेशन से अगर पास या अंदर के कान के हिस्से इफेक्टेड होते हैं, तो और भी लक्षण दिख सकते हैं, जैसे:

  • खून बहना
  • कानों में घंटी बजना (टिनिटस)
  • घूमने जैसा महसूस होना (वर्टिगो)
  • मिचली आना, उल्टी होना

जब ज़ोरदार आवाज़ के संपर्क में आने, कान को किसी चोट लगने या किसी हादसे के बाद अचानक सुनने में परेशानी हो, तो कान में दर्द, तरल निकलना या चक्कर आना हो, तो जल्दी से डॉक्टर से जांच करवाएं। सही समय पर इलाज से कान को स्थायी नुकसान से बचाया जा सकता है।

ईयर ड्रम परफोरेशन की पहचान कैसे होती है

यदि आपको लगता है कि आपका कान का पर्दा फट गया है, तो डॉक्टर इसे कैसे पता लगाएंगे? ये कुछ तरीके हैं:

कान से निकलने वाले तरल का टेस्ट (Fluid Sample Testing): डॉक्टर आपके कान से निकलने वाले तरल का टेस्ट करके देखेंगे कि क्या कोई संक्रमण है. कई बार संक्रमण की वजह से ही पर्दा फटता है.

ओटोस्कोप (Otoscope Exam): डॉक्टर एक खास डिवाइस ओटोस्कोप की मदद से आपके कान के अंदर जाँच करेंगे. इससे उन्हें आपके पर्दे में कोई छेद दिखाई दे सकता है.

सुनने की जांच (Hearing Tests): डॉक्टर ये पता लगाने के लिए टेस्ट करेंगे कि आप किस तरह की आवाज़ और कितने ज़ोर से सुन सकते हैं. पर्दा फटने से सुनने की क्षमता कम हो जाती है.

टिम्पैनोमेट्री (Tympanometry): डॉक्टर आपके कान में थोड़ा सा दबाव डालेंगे और देखेंगे कि आपका पर्दा कैसे हिलता है। फटा हुआ पर्दा अलग तरह से हिलता है, जिससे डॉक्टर इसका पता लगा सकते हैं।

ईयर ड्रम परफोरेशन का इलाज

कान के पर्दे के फटने पर डॉक्टर आमतौर पर सर्जरी की सुझाव देते हैं जो कि सबसे बेहतर हैं। आइए जानते हैं कौन-सी सर्जरी है और क्या फायदे हैं।

एंडोस्कोपिक टिम्पनोप्लास्टी (Endoscopic Tympanoplasty)

एंडोस्कोपिक टिम्पनोप्लास्टी एक नई और आधुनिक कान का ऑपरेशन है जो फटे हुए ईयरड्रम को ठीक करने में मदद करता है। इसमें डॉक्टर एक पतले कैमरे वाले स्कोप का उपयोग करते हैं, जिसे एंडोस्कोप कहा जाता है, जिससे वे आपके कान के अंदर को साफ़ देख सकते हैं। 

इसके कुछ फायदे हैं:

बिना निशान: इस ऑपरेशन में सिर्फ कान के अंदर ही छोटे-छोटे चीरे लगाए जाते हैं। इसलिए कान के बाहर किसी तरह का निशान नहीं रहता।

जेन्टल: यह ऑपरेशन कान की नली के माध्यम से किया जाता है, इसलिए कान के पीछे कोई चीरा नहीं लगता। इससे ठीक होने में जल्दी होती है।

एक ही दिन में डिस्चार्ज: ये आमतौर पर एक आउटपेशेंट प्रक्रिया है, जिसका मतलब है कि आप उसी दिन घर जा सकते हैं।

हाई सक्सेस रेट:  एंडोस्कोप कैमरे का इस्तेमाल करके, सर्जन छोटे और बड़े छेदों को ग्राफ्ट के साथ सफलतापूर्वक ठीक कर सकते हैं। यह तकनीक अधिक सुरक्षित और सहज होती है।

कम समय में रिकवरी: बहुत से मरीजों को 1-2 हफ्तों में ही आराम हो जाता है क्योंकि यह ऑपरेशन बहुत कम आक्रामक होता है। ठीक होने के साथ ही सुनने की क्षमता में भी सुधार होता है।

अगर आपको कान के पर्दों में समस्या है, तो एंडोस्कोपिक टिम्पनोप्लास्टी (Endoscopic Tympanoplasty) सही इलाज हो सकती है। आपको एक अच्छे अस्पताल में इलाज कराना चाहिए। रोहतक, हरियाणा के We Care Hospital में नाक, कान व गला रोगों के साथ – साथ मुँह व गर्दन के कैंसर सम्बंधित ईलाज हेतु उत्तर भारत की सबसे बड़ी प्रशिक्षित डॉक्टरों की टीम है। जिसे डॉ भूषण कथूरिया जोकि हेड & नेक कैंसर के अमेरिका से प्रशिक्षित सर्टिफाइड सर्जन है और हॉस्पिटल टीम को लीड कर रहे हैं

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