OSA, रात में नींद न आना, दरअसल ये आजकल की एक बहुत कॉमन प्रॉब्लम हैं, और ऐसी परेशानियां बढ़ती उम्र के साथ ज्यादातर लोग फेस ही करते हैं, लेकिन इसके शिकार आजकल के टीन और युवा वर्ग के लोग भी हो रहे हैं, इसकी सबसे बड़ी वजह कहीं न कहीं भाग दौड़ वाली लाइफ, हद से ज्यादा टेंशन और प्रेशर, डिप्रेशन, ज्यादा से ज्यादा फ़ोन अथवा इंटरनेट का इस्तेमाल और सही खान पान का न हो पाना माना जाता है।
यही कारण है जिसकी वजह से लोगों को ज्यादातर इस तरह की परेशानियां फेस करनी पड़ती है और वो रात में अक्सर सोते—सोते जाग जाते हैं, या फिर उन्हें नींद ही नहीं आती है, वैसे इसे ज्यादातर लोग नार्मल समझकर इसपर बहुत ज्यादा ध्यान नहीं देते।
अगर आप भी ऐसी किसी परेशानी का सामना कर रहे हैं तो आपको थोड़ा सावधान होने की जरुरत है, क्यूंकि कई बार आपकी छोटी सी लापरवाही आपको भविष्य में आने वाले एक बड़े खतरे की तरफ लेके जाती है, लेकिन इसमें हमें किन किन परेशानियों को फेस करना पड़ सकता है और क्या ये किसी सीरियस बिमारी की शुरुआत है, आइये जानते हैं आखिर ये क्यों होता है और इसके लक्षण क्या क्या है, और कैसे इससे बचा जा सकता है:
सबसे पहले बात करते हैं OSA यानि ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया, जिसे आप आम तौर पर रात में न नींद आने की एक समस्या की तरह भी समझ सकते हैं, हाँ ये बात अलग है की ये उससे भी कहीं ज्यादा बढ़कर हैं।
दरअसल ये एक तरह का डिसऑर्डर है जिसमे अचानक से कई बार रात में सोते हुए नींद खुल जाती है और उसके बाद नींद आती ही नहीं है, जिस वजह से लोग काफी तनाव महसूस करने लगते है या कई बार सोते समय इस डिसीज में साँस लेने में भी कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जिससे लोगों को घुटन महसूस होने लगता है।
इसके बारे में रोहतक स्थित वी केयर अस्पताल के हेड एंड नेक कैंसर के विशेषज्ञ डॉ भूषण कथूरिया बताते हैं की ये नींद न आने की परेशानी एक बहुत सामान्य समस्या है, हमने अपने आस—पास अक्सर कई लोगों को देखा होगा जिन्हे रात में सोते वक़्त खर्राटे आते हैं, इतना ही नहीं अगर वो दिन में भी सोते हैं तो उन्हें दिन के वक़्त भी खर्राटे आते हैं।
OSA में ब्लड में ऑक्सीजन की मात्रा बेहद काम हो जाती हैं, जिस वजह से ब्रेन को पूर्णत: ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है, और इस वजह से नींद में हमें साँस लेने में दिक्कत महसूस होती है, जिस वजह से हार्ट डिसीज की भी परेशानी सामने आती हैं। ऐसे लोग जिनमे OSA की परेशानी देखी जाती है उनमे ज्यादातर हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत देखी जाती है।
ये दरअसल कुछ प्रमुख कारणों से भी होता है जिसमे हद से ज्यादा बॉडी वेट, ऊपर के वायुमार्ग का छोटा होना, जीभ की साइज का नार्मल साइज से ज्यादा बड़ा होना, और टांसिल जैसी और भी कई परेशानिया देखने को मिलती हैं। ऐसा भी माना जाता है की ये एक आम बीमारी है जो बढ़ते उम्र के साथ लोगों को महसूस होती है।
इस बीमारी से सामान्यत: पुरूष ज्यादातर प्रभावित होते हैं जबकि महिलाओं में इसके होने की सम्भावना कम होती है। इस बीमारी को कई जगहों पर आनुवांशिक भी बताया जाता है।
साथ ही कुछ लोगों का ऐसा भी मानना है की कुछ जातियों में भी ये परेशानी ज्यादा देखी जाती है। ऐसे पुरुष जिनकी गर्दन लगभग 17 इंच या उससे ज्यादा होती है उन्हें ये बीमारी होने का खतरा काफी हद तक रहता है, साथ ही महिलाओं में उनकी गर्दन अगर 15 इंच से ज्यादा चौड़ी होती हैं तो ऐसी महिलाओं को OSA होने का खतरा ज्यादा रहता है।
अभी तक आपने समझा की OSA क्या है और इस बीमारी से किस उम्र के लोग प्रभावित हो सकते हैं, लेकिन आइये अब ये भी जानते हैं की आखिर इन बीमारियों के लक्षण कौन-कौन से हैं:
इसके लक्षणों में सबसे प्रमुख लक्षण नींद का न आना, जोर जोर से खर्राटे लेन, सोते समय साँस लेने में परेशान, सुबह के समय सिरदर्द का होना, मूड स्विंग होना, रात को सोते समय हद से ज्यादा पसीना आना, गले में हमेसा खरास रहना, कंसंट्रेशन में कमी होना, हाई ब्लड प्रेशर होना, सेक्सुअल एक्टिविटीज में इंटरेस्ट कम हो जाना। ये सब आम लक्षण है, जो पेशेंट्स में आम तौर पर देखे जाते हैं।
अब आइये आपको ये भी बता देते हैं की ऐसे में कब डॉक्टर के पास कंसल्टेशन के लिए जाना चाहिए:
अगर आपकी फैमिली का कोई भी सदस्य यह लक्षण महसूस करता है या फिर आपको खुद भी ऐसी परेशानी महसूस होती है, तो आपको इसके लिए सबसे पहले डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए, अगर आपको घुटन महसूस हो रही है, साथ ही दिन भर आलास आ रहा हैं और किसी भी काम में मन नहीं लग रहा है जैसे की टीवी देखते समय, यहाँ तक की ट्रैवेल के समय और बाइक चलाते समय भी अगर आपको नींद महसूस हो रही है तो आपको ये समझना चाहिए की सायद आपमें OSA की प्रॉब्लम शुरू हो गई हैं और आपको तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए।
इस बीमारी के टेस्ट के लिए स्लीप लैब में पूरी रात नीड का टेस्ट किया जाता हैं, और इस नींद के दौरान आँखों और पैरों की मूवमेंट, ऑक्सीजन लेवल एयर फ्लो और दिल की rhythm/लय को भी रिकॉर्ड किया जाता हैं, और ये तय किया जाता हैं की आप सच में OSA के शिकार हुए हैं या नहीं।
अगर आप में परेशानी ज्यादा होती हैं तो आपकी इसकी सर्जरी भी करवानी पड़ सकती हैं। साथ ही आप इस डिसीज को कण्ट्रोल करने के लिए अपनी लाइफस्टाइल को थोड़ा चेंज कर सकते हैं और जरुरी एहतियात बरतकर बढ़ती परेशानी को थोड़ा और कंट्रोल कर सकते हैं।
रोहतक में वी केयर हॉस्पिटल एक ऐसा संस्थान है जहां पर हेड एंड नेक कैंसर के लिए अति विशेषज्ञ डॉक्टर्स की टीम है। इस टीम का नेतृत्व डॉक्टर भूषण कथूरिया कर रहे हैं। डॉक्टर भूषण कथूरिया ने अमेरिका से हेड एंड नेक कैंसर के बारे में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया है। इस हॉस्पिटल की विशेषता है कि यहां पर हेड एंड नेक कैंसर के रोगियों को विश्वस्तरीय इलाज प्रदान किया जाता है और साथ ही कम खर्च में रोगियों का इलाज किया जाता है।