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नाक से खून आने के कारण एवं उपचार

नाक से खून आना जितनी गंभीर परिस्थिती है उतनी ही आम बात भी है। लेकिन यह दोनों बातें व्यक्ति की अवस्था पर निर्भर करती हैं। नाक से खून का आना काफी घातक हो सकता है, परंतु हमेशा ऐसा जरूरी नहीं होता है कि यह एक गंभीर समस्या हो। नाक में कई रक्त वाहिकाएं मौजूद होती हैं, जो नाक के आगे और पीछे की सतह के करीब स्थित होती हैं और ये काफी नाजुक भी होती हैं, यही कारण है कि कई बार आसानी से इससे खून बहने लगता है। 3 वर्ष से 10 वर्ष तक की आयु के बच्चों में नकसीर की समस्या होना आम बात है।

नाक से खून बहने की समस्या नाक की रक्त वाहिकाओं में रक्तस्राव की वजह से होती है। इसका सबसे मुख्य कारण नाक में उपस्थित झिल्ली का सूख जाना या नाक में चोट लगने से होता है। कभी ऐसी स्थिति आने पर नाक को कुछ समय के लिए बंद कर देें। लेकिन यह समस्या अगर बार-बार हो रही है तो इसका कारण खून की कमी (एनीमिया) भी हो सकता है। इस हालत में खून के ज्यादा बह जाने से आपके शरीर में कमजोरी भी आ सकती है, और उस कमजोरी के कारण आप बेहोश भी हो सकते हैं।

इन लोगों को हो सकता है ज्यादा खतरा:

बार-बार उंगली डालकर नाक साफ करना, सामान्य संक्रमण, हाइपरटेंशन, रक्तचाप बढ़ने या रक्त पतला करने वाली दवाओं को लेने वाले रोगियों को नकसीर की समस्या ज्यादा रहती है। कई सारे मामलों में आईटीपी (इडियोपैथिक थ्रॉम्बोसाइटोपेनिक परप्यूरा) में प्लेटलेट्स घटने तथा रक्त कैंसर आदि रोगियों में भी ये बीमारी हो सकती है, लेकिन ऐसे कुछ ही मामलों में होता है। हिमोफीलिया ए व बी बीमारी में भी ब्लड सही से जम नहीं पाता है। महिलाओं की अपेक्षा यह समस्या पुरुषों में ज्यादा होती है, इस हालत में नाक में हल्की चोट लगने से भी ब्लीडिंग होने लगती है।

नाक से खून क्यों बहता है?

आम तौर पर नाक से रक्त आने के दो कारण होते हैं। नाक को किसी कठोर चीज से खुजलाना- नाक को छेड़ना जैसे किसी पेन या किसी नुकीली चीज से नाक को खुजलाना या फिर उसको नाक के अंदर डालना घटक हो सकता है जिसके कारण नाक के अंदर रक्तवाहिकाओं को चोट लगने का डर बना रहता है और इस कारण से नाक से खून आ सकता है।

शुष्क हवा(ड्राई एयर):
शुष्क हवा की वजह से जब नाक की झिल्ली सूख जाती है, तो वे रक्तस्राव तथा संक्रमण के लिए अधिक ज्यादा संवेदनात्मक हो जाती हैं।

नाक से खून बहने के अन्य कारण भी हो सकते हैं जैसे:

  • शराब का ज्यादा सेवन करना
  • नाक में ट्यूमर होना भी एक मुख्य कारण है
  • विटामिंस की कमी
  • हेमोफिलिया(जिसके कारण खून जमने में कठिनाई होती है)
  • रक्त को पतला करने वाली दवाएं खाना, जैसे हेपेरिन, वॉरफेरिन
  • शरीर में मेडिसिन का रासायनिक प्रभाव
  • कोकीन का उपयोग करना
  • ठंड के समय में एलर्जी होना और बराबर नाक का बहना
  • कम नमी के समय और शुष्क मौसम में नाक के अंदर की त्वचा सूख जाती है जिसके कारण त्वचा फटने लगती है जिसके बाद भी नाक से खून आने लगता है
  • नाक के लिए दवा की तरह उपयोग होने वाले स्प्रे का ज्यादा प्रयोग करना
  • नाक में गंभीर प्रकार की चोट

नकसीर से बचने के कुछ घरेलू उपाय:

खारा पानी- आधा चम्मच बेकिंग सोडा, आधा चम्मच नमक तथा डेढ़ कप पानी लें। पानी में बेकिंग सोडा और नमक मिलाएं। इसके बाद अब इस मिश्रण को एक सिरिंज में भरकर नाक में डालें। इस समय, दूसरी नाक बंद होनी चाहिए।

अब माथे को नीचे की तरफ झुकाएं और पानी को बाहर आने दें। यह प्रक्रिया कई बार करनी होगी। इस प्रकार में खारा पानी नाक के रास्ते में अधिक बलगम पैदा करने वाले संक्रमण से आराम देता है।

नटाल का पत्ता- एक कप गर्म पानी, एक चम्मच नट लीफ टी और एक कॉटन पैड लें। गर्म पानी में पान के पत्ते की चाय को डालें और ठंडा होने के बाद इसमें कॉटन पैड को डुबोकर इसे नाक पर लगाएं। यह प्रक्रिया तब तक करनी है जब तक रक्त बहना बंद न हो जाए।

विटामिन ई- एक विटामिन ई कैप्‍सूल लें और उसका तेल एक कटोरी में निकाल कर रख लें। इस तेल को नथुनों पर लगाकर रातभर के लिए छोड़ दें। विटामिन ई ऑयल से नाक की झिल्लियों को नम रखा जा सकता है।

भाप- भाप लेने से भी नाक से रक्त आना बंद हो जाता है। भाप लेने से नाक गुहा में नमी बनती है और सूखापन हट जाता है, जिससे रक्त बहने का खतरा कम हो जाता है।

शरीर में पानी की पूर्ति- शरीर में पानी की कमी के कारण भी नाक में रक्तस्राव की समस्या हो सकती है। गर्मी के मौसम में अधिक से अधिक पानी पीना और तरल पदार्थों का सेवन करना फायदेमंद होता है। अगर आपको नकसीर की समस्या से जूझ रहे है तो दिन में कम से कम आठ गिलास पानी अवश्य पीना चाहिए

बर्फ की सिकाई- बर्फ के टुकड़े लेकर उन्‍हें स्वच्छ तथा मुलायम तौलिए से लपेट लें, इसके बाद इसे नाक पर लगाकर 4 से 5 मिनट तक सिकाई करते रहें, क्योंकि बर्फ की ठंडक से शरीर जल्‍दी रक्त के थक्‍के बना पाता है जिससे रक्तस्राव रुक जाता है। अगर नाक से खून बहना बंद नहीं होता तो दिन में कई बार सिकाई कर सकते हैं

होम्योपैथी इलाज- इसमें चिकित्सक कारण के अनुसार दवा देते हैं। जैसे कि पुराने जुकाम में नाक में सूखी पपड़ी हटने से खून बहने लगता है और साथ ही जलन तथा दर्द होने पर सल्फर दवा देते हैं।

अगर आपको यह समस्या बार—बार हो रही है तो यह घातक समस्या भी हो सकती है, इसके लिए आप विशेषज्ञ से भी संपर्क कर सकते हैं।

रोहतक में वी केयर हॉस्पिटल एक ऐसा संस्थान है जहां पर हेड एंड नेक कैंसर के लिए अति विशेषज्ञ डॉक्टर्स की टीम है। इस टीम का नेतृत्व डॉक्टर भूषण कथूरिया कर रहे हैं। डॉक्टर भूषण कथूरिया ने अमेरिका से हेड एंड नेक कैंसर के बारे में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया है। इस हॉस्पिटल की विशेषता है कि यहां पर हेड एंड नेक कैंसर के रोगियों को विश्वस्तरीय इलाज प्रदान किया जाता है और साथ ही कम खर्च में रोगियों का इलाज किया जाता है।

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