दुनिया में कई प्रकार की बीमारियों से लोग ग्रसित है। इन सारी बीमारियों में आमतौर पर एलर्जी जैसी समस्याओं से भी काफी ज्यादा लोग ग्रसित रहते हैं। आमतौर पर देखा जाता है कि व्यक्ति को चमड़ी की श्वसन तंत्र, आंखों की और नाक की एलर्जी की समस्या बनी रहती है।
वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया के 26% लोग ऐसी अलग-अलग एलर्जी से होकर गुजर रहे हैं। इन 26% में से 50% लोग नाक की एलर्जी की समस्या से होकर गुजर रहे हैं। एलर्जी राइनाइटिस एवं एलर्जी अस्थमा यह दोनों भी स्वसन तंत्र से संबंधित एलर्जी है। यह स्वसन तंत्र की आईजी इमीडिएट ऐड एलर्जी मानी जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जो आंकड़े दिए हैं दुनिया में एलर्जी राइनाइटिस से 400 मिलियन लोग पीड़ित है और अस्थमा से 300 मिलियन लोग ग्रसित है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर साल 2025 तक पूरी दुनिया में 400 मिलियन लोग अस्थमा जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हो जाएंगे। लेकिन इस लेख में हम आपको नाक की एलर्जी से संबंधित गंभीर बीमारी और इससे संबंधित इलाज एवं उपचार के बारे में बताने जा रहे हैं।
कैसे होती है नाक की एलर्जी की समस्या?
हम सभी के शरीर में एक इम्यून सिस्टम होता है जो हमारे शरीर को कई सारी हानिकारक बीमारियों से बचाता है। इम्यून सिस्टम ज्यादा एक्टिव हो जाता है जब हमारे शरीर पर किसी जीवाणु का हमला होता है। लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि हमारे शरीर के अंदर का इम्यून सिस्टम उन चीजों पर भी हावी हो जाता है जिन चीजों से हमारे शरीर को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचता।
जैसे कि कभी-कभी धूल मिट्टी पराग के कारण जानवरों के बाल आदि से हमारे शरीर का संपर्क आने पर यह इम्यून सिस्टम अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करता है और इसी को हम एलर्जी कहते हैं। आमतौर पर नाक की एलर्जी घर में फैली हुई धूल मिट्टी और पेड़ या घास के पराग कणों के कारण होती है। इसके अलावा आपके घर में कोई कुत्ता या बिल्ली है तो उसके बालों या रेशों से भी नाक की एलर्जी हो सकती है। धुआ/धूलिया प्रदूषण भी नाक की एलर्जी होने का प्रमुख कारण होता है। कई बार भोजन में ग्रहण करने वाले पदार्थ जैसे दूध, अंडा और दाल से भी कुछ लोगों को एलर्जी होने की संभावनाएं रहती है।
एलर्जी राइनाइटिस या नाक की एलर्जी के लक्षण
एलर्जी राइनाइटिस का प्रमुख कारण एलर्जन्स होते हैं वही सर्दी और जुकाम का प्रमुख कारण हवा में फैले हुए कीटाणु होते हैं। ऐसे में इस बात का पता सामान्य तौर पर नहीं लगाया जा सकता कि आपको नाक की एलर्जी है या फिर आप सर्दी जुखाम से ग्रसित है। इसलिए आपको एलर्जी राइनाइटिस या नाक की एलर्जी के कारण या लक्षण पता होने चाहिए। तो आइए जानते हैं नाक की एलर्जी के लक्षण क्या है।
आपको अगर बुखार है या फिर बहुत ज्यादा बदल दर्द हो रहा है तो आपको डॉक्टर के पास जाकर चेकअप करवाना चाहिए। इसके अलावा आपकी नाक में पैदा हुआ मन लगातार बह रहा है यानी आपकी नाक लगातार बह रही है तो यह भी नाक की एलर्जी का एक लक्षण हो सकता है।
इसके अलावा अगर आपको बार बार छींक आने की परेशानी हो रही है तो आपको शायद नाक की एलर्जी हो सकती है। इसके साथ ही अगर आपकी नाक कान और गले में खुजली का एहसास होता है तो समझ जाइए आप नाक की एलर्जी के शिकार हो सकते हैं। कई बार नाक की एलर्जी होने के वजह से आंखों से पानी भी बहने लगता है।
अगर इस तरह की समस्या आपको साधारण रूप से आने वाली सर्दी जुखाम के मुकाबले काफी ज्यादा लंबे समय तक बनी रहती है तो आप समझ जाइए कि आपको नाक की एलर्जी हो सकती है। ऐसे में इन लक्षणों को बिल्कुल भी नजरअंदाज ना करते हुए आपको तुरंत जाकर डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। हालांकि नाक की एलर्जी बहुत ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाती है लेकिन आपकी दैनंदिन जिंदगी में काफी ज्यादा रुकावट पैदा कर देती है।
नाक की एलर्जी का इलाज
दोस्तों वैसे तो नाक की एलर्जी का कोई परमानेंट इलाज नहीं है। कुछ दबाव के माध्यम से नाक की एलर्जी से थोड़े समय के लिए राहत जरूर मिल सकती है लेकिन इसका परमानेंट सॉल्यूशन नहीं हो सकता। अगर आप नाक की एलर्जी से बचना चाहते हैं तो आपको जरूर कुछ बातों का ध्यान तो रखना ही चाहिए जैसे कि पराग कणों से बचने के लिए धूल मिट्टी वाली जगह पर जाना कम करना या फिर अगर आप ऐसी जगह पर जान ही रहे हैं तो आपको अपनी नाक पर रुमाल वगैरह बांध लेनी चाहिए।
लेकिन हवा के साथ-साथ पेड़ पौधों के परागकण आपकी नाक के सहारे से अंदर जाते ही है ऐसे में आप हवा से तो बच नहीं सकते। इसलिए मेडिकेशन के माध्यम से भी नाक की एलर्जी का इलाज किया जाता है। नाक की एलर्जी के लिए दी जाने वाली मेडिसिन over-the-counter ही होती है। ऐसे में यह दवाइयां कोई परमानेंट सॉल्यूशन नहीं निकाल पाती। फिर भी नाक की एलर्जी से बचाव करने के लिए कई सारी तरकीब है जिनमें शामिल है एंटीहिस्टामाइन, डिकंजेस्टेंट्स, एंटी ल्यूकोट्राइन, स्टेरॉइड स्प्रे, इम्यूनोथेरेपी, आई ड्रोप और नेजल स्प्रे।
लेकिन इन सारी दवाओं का उपचार लेने से पहले आपको डॉक्टर की सलाह लेना काफी आवश्यक बन जाता है। आमतौर पर सर्दी जुखाम जैसी बीमारी को भी हम लोग नाक की एलर्जी समझ लेते हैं। लेकिन सामान्य तौर पर सर्दी या बुखार 1 से 2 हफ्ते तक ही रह सकती है।
अगर आपको सर्दी या दुकान जैसे समस्या इससे भी ज्यादा समय तक महसूस हो रही है तो आपको डॉक्टर के पास तुरंत जाना चाहिए। इसके अलावा जिस प्रकार की मेडिसिन आंख नाक की एलर्जी से बचने के लिए ले रहे हैं अगर इस मेडिसिन का आप पर कोई साइड इफेक्ट हो जाता है तो आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
उपरोक्त दी गई जानकारी बहुत ही सामान्य है ऐसे में अगर आप भी नाक की एलर्जी जैसे लक्षणों से ग्रसित है तो आपको डॉक्टर के पास जाकर ही सही सलाह लेनी चाहिए और सही उपचार करवाना चाहिए।
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